कर्मा का नियम
कर्म के बारे में हमे बताया गया है कि ये कोई किसी का बुरा या भला कर सकता है या की ये कोई divine शक्ति है। कर्म सिर्फ आपके किये हुए कार्य की वह ऊर्जा है जिसमे आपके द्वारा निर्धारित कार्य ही किये जाते है जैसे कि अगर आप अच्छे काम करते हो तो आपको मानसिक शांति मिलती है, वहीं दूसरी ओर जब आप गलत कार्य करते हो तो अशांति। जीवन के इस संघर्ष में कर्म आपके ही द्वारा किये गए कार्य है, वो कार्य गलत भी हो सकते और सही भी।
कर्म मतलब आप जो भी कार्य करते हो, इसमे आपके विचारों की अहम भूमिका रहती है। जब आप अच्छे कार्य करते है तो वह सारे universe के लिए अच्छा होता है , क्योकि law of universe के हिसाब से आप भी universe का ही भाग हो, तो जो भी आप करते हो वो universe में कहीं न कहीं reflect होता ही है। कर्म को ओर समझने के लिए पहले आप अपने विचारों को समझो ओर ये पता करो कि आप सोचते क्या हो, ओर उनका परिणाम क्या होगा। जिस दिन इंसान को यह समझ आ गया वो कर्म को समझ लेगा।
कर्म एक कार्य द्वारा निकली हुई ऊर्जा है, यह आपके कार्य के परिणामस्वरूप फल प्राप्त करने में बाधित है। ऐसा नही है कि कर्म का फल तुरंत ही मिल जाएगा, नही, इंतज़ार करना पड़ता है। परंतु आपको पता लग जायेगा कि आपने क्या किया है और आपको क्या मिलेगा। कर्म को आजकल पैसे कमाने में इस्तेमाल किया जाता है, उसको डराने में इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि कर्म का योगदान आपके ही लिए है ।
आप कर्म को सिर्फ एक जरिया समझियेगा, आपके द्वारा किये गए उन कार्यो का जहाँ आपने बिना सोचे समझे फैसला लिया था। आपने चाहे कुछ भी किया हो अगर वह काम प्रकृति के नियम कस विरुद्ध है तो उसकी सजा भी आपको मिलेगी।
यह universal नियम है, जिसे कोई नही रोक सकता।
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